5 ESSENTIAL ELEMENTS FOR BHOOT KI KAHANI

5 Essential Elements For bhoot ki kahani

5 Essential Elements For bhoot ki kahani

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Bhoot ki kahani

उस दिन से गौरब को भुत और आत्माओं से डर लगना बंद हो जाता है।

एक महीना देखता हूं, फिर बात कर लूंगा ट्रांसफर की। उसका यहां नौकरी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था। हाथ में लालटेन लिए और दूसरे हाथ में डंडा पकड़े हुए वह प्लैटफॉर्म के चक्कर लगा रहा था। बीच बीच में सीटी बजा देता। एक रात की बात है। उस रात गार्ड फोन पर उसके अलावा और कोई नहीं था।

अपनी आंखें मली। उसे फिर भी वह आदमी धुंधला ही दिखाई दे रहा था। रमेश ने उस आदमी को बुलाने की कोशिश की तो वह भागने लगा। रमेश भी उसके पीछे भागने लगा और वह आदमी अचानक से पटरी की तरफ भागने लगा और गायब हो गया।

रात के दो बज रहे थे। रमेश ने देखा कि एक आदमी बेंच पर बैठा हुआ था। ठंड का मौसम था और वह आदमी ठंड से कांप रहा था। रमेश उसके सामने जाकर खड़ा हो गया और उससे पूछताछ करने लगा। कौन है भाई?

औरत ने पूछा क्या लाऊं फिर अघोरी ने बोला जैसे नींबू ,सवा किलो मिठाई, सवा मीटर लाल कपड़ा और एक फूलों का हार लेकर आओ .

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सब ने बोला चलो गांव वालों को बताते हैं। हमने बोला नहीं बच्चों के भविष्य का सवाल है । कोई अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजेगा तभी एक मित्र ने बोला चलो कल से जहां पर यह जलाया गया था । वहां पर बीड़ी माचिस ताश के पत्ते रख देते हैं ।

अंत में हार कर पमिनबहन और उनके परिवार ने घर छोड़ के वहाँ से चले जाने का फैसला कर लिया।

भोपाल मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत राजधानी शहर है। यह शहर अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए पूरी दूनिया में जाना जाता है। अतीत से जुड़े […]

कि यह मेरी चाची की आत्मा जो मुझे लेने आई थी। क्योंकि मरने से पहले मेरी चाची ने कहा था। कि मैं तुम्हारी बड़ी बेटी को छोडूंगी नहीं .

Finest horror story in hindi for teenagers: गौरब हिमालय के पास के छोटे से गांव में रहता था। उसके गांव के आसपास घने जंगल थे और एक छोटी सि नदी भी पास थी। रात को जंगलों में घूमने वाली आत्माओं और भूतों की कहानियों को सुनते-सुनते गौरब बड़ा हुआ था।

गौरब अपने दोस्तों की मदद से उस आत्मा की शरीर को ढूंढ़ता है जोकि उसे एक पेड़ के निचे मिलता है। फिर गौरब पुलिस को ये सुचना देता है और पुलिस उस आत्मा के पति को गिरफ्तार करता है और कोट उसे आजीबन करबास की सजा सुनाता है।

और उस दिन के बाद से मैंने कभी भी अनजान लोगों से मिलना और बात करना बंद कर दिया।

ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है

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